मुख्तार की मौत पर राजभर चुप, अजय राय भी खामोश, क्या है मायने?

मुख्तार की मौत पर राजभर चुप, अजय राय भी खामोश, क्या है मायने?

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर सियासत जारी है, लेकिन कुछ नेताओं की चुप्पी के अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मुख्तार की मौत पर सवाल खड़ा किया है, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की ओर से भी कोई बयान सामने नहीं आया है. बताते चलें कि राजभर की पार्टी से ही मुख्तार के बेटे अब्बास विधायक हैं.

मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़े सवाल को टालते हुए यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार यानि 29 मार्च को कहा कि ‘मैं कुछ नहीं बोलूंगा, मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं है’. फिलहाल सुभासपा अध्यक्ष ने मुख्तार की मौत पर खामोशी साधी है. खबरों की माने तो राजभर और मुख्तार अंसारी करीबी दोस्त रह चुके हैं. जब राजभर विपक्षी गठबंधन में थे तब वह मुख्तार से मिलने बांदा जाते थे. राजभर ने कई बार सार्वजनिक तौर पर अपने रिश्ते मुख्तार से बताए हैं.

मुख्तार अंसारी से करीबी रिश्ते की वजह से ही 2022 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को मऊ से टिकट दिया था. इसी सीट से मुख्तार अंसारी 1996 से 2017 तक विधायक रहे थे. पिता की सियासी विरासत को संभालते हुए अब्बास अंसारी ने जीत दर्ज की थी. जब राजभर का गठबंधन सपा के साथ था, तब वह कई बार अंसारी परिवार पर हो रही कार्रवाई का खुलकर विरोध करते थे, लेकिन अब वह खामोश हैं.

भाई के हत्यारे की मौत पर अजय राय भी चुप

यह खामोशी सिर्फ ओम प्रकाश राजभर की ओर से ही नहीं है. बल्कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं. मुख्तार अंसारी ने ही अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या की थी. दरअसल, 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज में अवधेश राय की हत्या की गई थी. इस मामले में अजय राय ने मुख्तार अंसारी, कमलेश सिंह, भीम सिंह, राकेश कुमार और अब्दुल कलाम के खिलाफ केस दर्ज कराया था.

इस मामले में 5 जून 2023 को मुख्तार अंसारी को उम्रकैद और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. अब मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अजय राय चुप हैं. उन्होंने अभी तक एक भी बयान नहीं दिया है. इसके पीछे सियासत वजह बताई जा रही है, क्योंकि यूपी में कांग्रेस और सपा का गठबंधन है और इस समय अंसारी परिवार, सपा में है. इस दौरान अजय राय की चुप्पी पर कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा है कि राजनीति की वजह से वो चुप हैं, लेकिन उन्हें इस मौके पर बोलना चाहिए.

मुख्तार अंसारी परिवार की पूरी क्राइम कुंडली

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत हो चुकी है. उस पर 65 मुकदमें दर्ज हैं और 8 मामलों में सजा मिल चुकी है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब उसके पूरे परिवार की क्राइम कुंडली सामने आई है. इस पर नजर डालने से पता चलचा है कि मुख्तार के पूरे परिवार पर मुकदमा दर्ज है, चाहे पत्नी अफसा हो या फिर दोनों बेटे अब्बास और उमर. यहां तक कि मुख्तार अंसारी के बड़े भाई शिवगतुल्लाह और अफजाल अंसारी पर भी कई मुकदमें दर्ज हैं.

मुख्तार अंसारी की फरार पत्नी अफसा के ऊपर कुल 11 मुकदमें दर्ज हैं. ये सभी मुकदमें गाजीपुर और मऊ में दर्ज किए गए हैं, जिसमें गैंगस्टर एक्ट जैसी धारा शामिल हैं. अफसा पिछले कई सालों से फरार हैं और उन पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा है. वहीं मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे और विधायक अब्बास अंसारी पर 8 मुकदमें दर्ज हैं. इसमें आर्म्स एक्ट और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराएं शामिल हैं. अब्बास अंसारी फिलहाल जेल में बंद है.

मुख्तार अंसारी के दूसरे बेटे उमर अंसारी पर भी 6 मुकदमें दर्ज हैं. यह सभी मुकदमें लखनऊ, गाजीपुर और मऊ में दर्ज किए गए हैं. फिलहाल उमर अंसारी जेल से बाहर है. वहीं मुख्तार अंसारी के सबसे बड़े भाई शिवगतुल्लाह अंसारी पर 3 मुकदमें दर्ज थे, जिसमें से एक पर फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है जबकि दो केस में वह दोषमुक्त हो चुके हैं. मुख्तार के सांसद भाई अफजाल अंसारी पर 8 मुकदमें दर्ज हैं, जिसमें तीन का ट्रायल चल रहा है और एक केस सीबीआई के पास है.

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